BAITHE THALE

मंजिल पाने के लिए बढ़ते सभी 
नकरात्मक सोच से उलझते सभी 
फौलादी हौसलों से मिलती राहे नयी 
सकरात्मक चितन से मिटते भ्रम सभी ....सुनीता 
2
इस जग में इंसानियत बेपर्दा जबसे हो गयी ,
उसी जग में हैवानियत मगरूर तबसे हो गयी ,
प्रेमी दिलों में फासले अब बढ़ने लगे ,
वीरानियों में अब जिन्दगी सिसकने लग गयी !
3

जब कभी अनाज की बरबादी देख रोता किसी का मन ,
जब कभी देखो डूबे संताप में किसी का घर आँगन ,
वह जो अपना जीवन जननी मातृभूमि को समर्पित करता ,
तब समझ लेना वह है माटी का सच्चा उपासक किसान !.
4
माँ की दुआओ में असर इतना ,
बंदे को कामयाब बना देता कितना ,
डूबाने का खतरा कोई मोल लेता नहीं ,
दरिया भी देखता उसका असर इतना ! ..
5
संयुक्त परिवार को समझ बेड़ियाँ ,
एकल परिवार की पहन चूड़ियाँ ,
संस्कार विहीन हो रहा समाज ,
बुढ़ापा बनी अब दुःख भरी घड़ियाँ !
6
जीवन की सरहद के उस पार प्रभु का द्वार ,
मानवता रुपी जहाज पर होकर सभी सवार ,
भूलें सभी वैर वैमनस्य का अब क्रूर खेल ,
दुनिया में बसा लें अमन चैन का सुंदर संसार !
7
जिन्दगी के फलसफे में नित्य नए अनुभव ,
मन की गति को निरंतर देते नए सुझाव, 
क्षणिक सुखो से कभी भ्रमित न होना ,
त्रिश्नाएं देती हैं रूहानियत से अलगाव !
8
होली की मस्ती हो 
गुजिया भी खस्ती हो 
रगीन हर बस्ती हो 
पर्यावरण भी सुरक्षित हो
9
साजिशों के शहर में साजिशों का असर 
साजिशों की डगर में साजिशों की खबर 
साजिशी चेहरों पर साजिशी चेहरों की मुहर 
खामोशी की रवाई में बेखबर हर नजर
10

सिंह की दहाड़ से कांपता समस्त वनप्रदेश
बेबाक लेखनियों पर चल रही सत्ता की तेज़ धार
गमो के कुम्भ में नहा रहे समस्त देशवासी 
गलफ़त में जीने वालो देखो जन जन की पैनी धार
11
हितोपदेश में निहित व्यक्ति का मन:स्तिथि 
कर्मशील होने से मिलती जीवन में प्रगति 
परनिंदा व् अभिमान देती आत्मा को अवनति 
क्षमाशील , स्नेहशील व् सहानुभूति देती हमे उन्नति 
12
जिन्दगी के हर लम्हों में गीत नया होता है !
जिंदगी का गीत हर किसी के नसीब में नहीं होती 
कोई गीत गा गाकर अमर हो जाता है 
कोई गीत बनकर गुलिस्तान में खो जाता है 
13
वक़्त को कोसने के बजाये उससे हर ज्ञान लेना सीखे हम ,
नदिया के बहाव से निरन्तरता का पाठ सीखे हम ,
फूलों की सुगंधी से चमन को महकाना सीखे हम ,
जीवन म्रत्यु के सन्दर्भ में जीवंत मृत रहना सीखें हम !
14

रोने वालों को जीवन में सुख न मिला कभी ,
हौसला खोने वालों को मंजिल न मिली कभी ,
दुनिया की भावनाहीन भीड़ में खो न जाओ कभी ,
मुश्किल से मुश्किल दौर में मुस्कुराना न भूले कभी !
15
दुखियों से खिलवाड़ करने वाले जीवन भर दुख ढोते है ,
आँसुओं को तोलने वाले जीवन भर फिर खुद रोते हैं , 
पीड़ितों को सहारा देने वाले मृदुभाषी करुणामयी होते है,
पथरीली धरती पर चलने वाले ही पर पीड़ा समझते हैं !

16
आयें हम सब खुशियों का बाग़ उगायें ,
रंग भेद, जाति व् धर्म का भेद भुलाएं ,
मानवता के पवित्र भाव को चहूँ दिशा फैलाएं ,
इस बाग़ को इंसानियत धर्म का संसार बनाएं !

17
दिल से धड़कन जुदा हो तो कैसा हो ,
मन से उमंग जुदा हो तो कैसा हो ,
कलम में स्याही न हो तो कैसा हो ,
वक़्त पर क़दमों के निशा न हो तो कैसा हो !

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