आज ' विश्व गौरैया दिवस ' है ...... 
सभी प्रकृति प्रेमियों को शुभकामनाये 

गौरिया 

जाने तू कहाँ गयी 
हमारी बचपन की 
प्रेरणा 
प्यारी गौरिया 
तेरा फुदकना 
मेरे आँगन
सुबह साँझ
बजती थी
कानो में
मीठी धुन
सुबह मेरी खिड़की
से अंदर आती
बनकर मेरी
प्रिय सखी
किताबों पर चोंच मारती
तुम
मानो कहती
तुम समझती
हो दुनिया के अनंत रहस्य
तुम बिन
आज सूनी ..
मेरी खिड़की
रोज निहारु बाट
शायद तुम
खेल रही
कोई खेल नया
मानव
को जागृत
करने का कोई
नया दिलचस्प
खेल
पर मेरी उदासी
तेरे चहकने पर
होगी खत्म
बस बहुत हुआ
अब न सता
आ लौट आ
अपने घर
प्रिय सखी
तुझ बिन सूना
मेरा आँगन ....

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