नारी
हर श्वास में उसका नाम लिखकर रखा है !
बड़े जतन से अब तक जख्मों को पाल रखा है !!
हर श्वास में उसका नाम लिखकर रखा है !
बड़े जतन से अब तक जख्मों को पाल रखा है !!
जीवन का सफ़र अब कितना बेगाना सा लगने लगा
परछाईयों के अक्स को जबसे रौशनी से बचाकर रखा है !
मुरझाये गुलिस्तान में फूलों की सिसकियाँ
उसकी साजिशों की हर दुकान को सजाकर रखा है !
खुद हम मिटते रहे दुनिया को बसाने के लिए
इतिहास के हर पन्ने पर जख्मों के निशाँ दर्ज करवा रखा है !
साजिशों से बेखबर उसके इरादे भाँप न सके
जिसने मेरे दर्दे अश्क को सरे बाज़ार नीलाम कर रखा है !
दुनिया में इंसान की कद्र आज बस इतनी ही
किस्से कहानियों में तम्मनाओं का संसार बसा रखा है !
हाय .. मेरे दर्द ही अब मेरी पहचान बन गए
जिन आकृतियों को मैंने शब्दों से छुपाकर रखा है !
जीवन क्या है 'अणु ' चंद साँसों का बंधन
जख्मी दिल को प्राण निकलने तक संभाल रखा है !
*******************************************************चित्र गूगल साभार