ॐ जय साईनाथ ॐ
ॐ जय साईंराम ॐ
ॐ जय साईं नाथ !
बनाईए सबके बिगड़े काम ,
हो चाहे सुबह दोपहरी या शाम ,
ॐ जय साईं नाथ !
बच्चों से छिन रहा बचपन ,
गरीबी बढ़ रही अब निसदिन ,
आम जनता हो रही बेहाल ,
महंगाई ने किया सबको परेशान !
आज सतयुगी कर्मयोगी न रहे
द्वापरी धर्मयोगी भी अब न रहे
माँ के त्याग को न करता कोई याद
नरभक्षी अब चारों ओर बढ़ रहे !
अब देश में न मनाओ होली या दिवाली
हर सडक , मुहल्ले में चल रही अब गोली
भय आतंक का बाज़ार गर्म है
लूटेरे लूट रहे जनता बेचारी भोली !
जग में फ़ैल रही आशक्ति के घोर अँधेरे
इस विपदा में फँस रहे गुणी बेचारे
धर्म पर हो रहा अधर्म भारी ,
बाहें फैलाये सभी तुझे पुकारे !
ॐ जय साईं राम !
बनाईए सबके बिगड़े काम ,
हो चाहे सुबह दोपहरी या शाम ,
ॐ जय साईं राम !