काव्य समाचार
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1 
अनाचारियों को सबक सिखाने और गरीब पीड़िताओं के लिए दर्द नहीं
हैलीकॉप्टर में बैठकर प्रदेश का दर्द को समझने वाले बेदर्दों की कमी नहीं !

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नाम प्रसिद्धी की राजनीती
खेल रहा आज हर आदमी
जिनकी जिन्दगी लुटी भूल गए सभी
दूसरों की पीड़ा में आज रोटियाँ सिकती

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सिंह की दहाड़ से कांपता समस्त वनप्रदेश
बेबाक लेखनियों पर चल रही सत्ता की तेज़ धार
गमों के कुम्भ में नहा रहे समस्त देशवासी
गफ़लत में जीने वालो देखो जन जन की पैनी धार

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4
 सुप्त व्यवस्था पर जागृत चेतना फिर सुप्त हो चली है
कुत्सित आचरण से द्रवित पुकार फिर सुप्त हो चली है
वक्त के नस्तर बदस्तूर जारी रहेंगे जाने कब तक
झींगुर की झी में स्याह रात फिर गुमनाम हो चली हैं .

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5
जीवन पहेली ....सच्ची सहेली ,
साथ खेली .....साथ ले जायेगी !

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6
समाज को महिला दिवस की दरकार नहीं 
एक दिवस से उसको कोई सरोकार नहीं 
सुनियोजित करो अब पुरुष दिवस 
महिलाओं को यूँ बरगलाने की जरूरत नही

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7
सपनो के सुंदर परिंदों को उड़ने दो 
संघर्ष से डरकर विश्वाश न टूटने दो 
वक़्त के फेरे से बचना आसान नहीं मगर 
मन की उड़ान को हौसलों के पंख दो !


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