1 न समाज बदलेगा ,न लोग बदलेंगे
न सोच बदलेगी , न दिशा बदलेगी
न अपराध रुकेंगे , न दहशत रुकेगी
न कुरीतियाँ बदलेगी , न नीतियाँ बदलेगी
न तन्त्र बदलेगा , न आक्रोश का असर दिखेगा
न जाने कब लोग जागेंगे , न जाने कब सुबह होगी !! !!
***************सुनीता *************
2
उठो जागो यु चुप न बैठो , देश व् दिशा तुम बदलोगे
गर जीना हो सकूं से तो आत्म मंथन तुम्हे करोगे ,
नशा ,हत्याएं ,अपहरण व् अनैतिकता को तुम्ही बदलोगे ,
सूर्य विजय का दिखेगा जब कदम से कदम तुम मिलाओगे ,
कलके भरोसे न बैठो तुम ,जीत का ध्वजा तब फैराओगे ,
जीवन तब सबका उन्नत होगा जब सबकी पीड़ा तुम समझोगे !!
*****************सुनीता ******************
न सोच बदलेगी , न दिशा बदलेगी
न अपराध रुकेंगे , न दहशत रुकेगी
न कुरीतियाँ बदलेगी , न नीतियाँ बदलेगी
न तन्त्र बदलेगा , न आक्रोश का असर दिखेगा
न जाने कब लोग जागेंगे , न जाने कब सुबह होगी !! !!
***************सुनीता *************
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उठो जागो यु चुप न बैठो , देश व् दिशा तुम बदलोगे
गर जीना हो सकूं से तो आत्म मंथन तुम्हे करोगे ,
नशा ,हत्याएं ,अपहरण व् अनैतिकता को तुम्ही बदलोगे ,
सूर्य विजय का दिखेगा जब कदम से कदम तुम मिलाओगे ,
कलके भरोसे न बैठो तुम ,जीत का ध्वजा तब फैराओगे ,
जीवन तब सबका उन्नत होगा जब सबकी पीड़ा तुम समझोगे !!
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