माँ जीवन का वह मधुर चिंतन जिसके अहसास मात्र से मनुष्य के कष्ठ का निवारण हो जाता है ..किन्तु यदि अपनी माँ ही व्यथित हो तो हम आप कैसे सुखी रह सकते हैं .!..आज उन सभी माँ हेतु रचना समर्पित करती हूँ जो या तो वक़्त की मारी हैं या संतानों द्वारा पीड़ित हैं !
माँ
माँ उज्जवल किरण
माँ बरखा की फुहार
माँ ममता का आँचल
माँ चन्दन की खुशबू
माँ तपोवन का सार
माँ गंगा सी पावन
माँ कष्टों की संहारक
माँ धैर्य का सागर
माँ जीवन की प्रेरक
माँ भक्ति की शक्ति
माँ अवसादों की तारणहार !! 4/12/12