पूर्वाग्रह 

जाने क्यूँ  इंसान सिसकता  हैं मायूसियों की गलियों में हमेशा ,
जाने क्यूँ  इंसान भटकता है  पूर्वाग्रह  के अंधियारों में  हमेशा  ,
जाने  क्यूँ  क्षणभंगुर जीवन  में  दुखो  को महत्व देता  हमेशा ,
जाने क्यूँ  दूसरों  को  दुःख  देने  की  फ़िराक  में  रहता  हमेशा ,
जाने क्यूँ नही समझता  जीवन समाज हित में तत्पर रहे हमेशा ,
जाने क्यूँ  अवसादों से दुखी हो सारे समाज को दुख देता हमेशा ,
जाने क्यूँ समाज के लुटेरे  अपने ख़ुशी हेतु  षड्यंत्र रचते हमेशा!!   ३ / ११ /२०१२ 

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