अहंकार 

अहंकार की भारी पगड़ी पहन ,
ढोता मनुष्य अपने सर पर बोझ !
लोगों की कथनियों का आकर्षण ,
मैं और मेरा से हरदम भरे सोच !
त्रिश्नाओ के मक्कड़ जाल बुन ,
भागता हर पल अंधकार की ओर !

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