आज का कट्टू सच

आँसुओं का कोई मोल नही , हर शक्स यहाँ खरीदार है ,
बेबसी का कोई भाव नही , हर अक्श यहाँ बिकता है !
रिश्ते का कोई खेल नही हर रिश्ता यहाँ तुलता है ,
स्नेह का कोई मेल नही , हर स्नेह यहाँ मिटता है !! २९ / १
० /२०१२ 

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