सदैव 

मिलन -जुदाई  जीवन के अटूट सत्य सदैव ,
सुख -दुःख जीवन के दो प्रेरक पन्ने  रखे याद सदैव ,
जीवन - मरण  जीवन चक्र के अडिग नियम  हैं सदैव ,
उम्मीद - प्रसन्नता   डगर है अनमोल ,निभाहो  इन्हें सदैव ,
वक्त की सौगात हैं ये मोती ,सहर्ष  स्वीकार करो सदैव, 
पल -पल  में तर्क कर अमूल्य  समय को संभालो सदैव ,
मिलन की मृगतृष्णा  में  जुदाई का भ्रम से बचो सदैव, 
सुख की लालसा में दुखियों  से छल कपट  न करना सदैव ,
जीवन में सत्कर्म -मरण में मोक्ष का ध्येय  हो सैदेव ,
उम्मीद का दीप  व् प्रसन्नता  की बाति लाती मधुरता सदैव !!

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