बेटियां 

बेटियां  होती  घर समाज की धड़कन ,
हर पल खिलता इनसे घर गुलशन ,
समाज की बागडोर थामे बनती कुल की हरदम शान, 
इनको कभी पराया न समझना ,है  यह तो हम सबकी जान !!

इन्हें बस जरुरत प्यार व् विश्वास की ,
मत समझना इन्हें बोझ अपने समाज की ,
वक़्त के साथ इन्हें भी सिखाएं दौड़ने की ,
दहेज़ के दानवों से बचाकर रखो अपनी लाडली को !

बुढ़ापे का सहारा होती बेटियां ,
सुख दुःख में सहारा होती बेटियां ,
परिवार के दुःख में दुखी होती बेटियां ,
अपने गम छुपाकर सदैव हँसाती  बेटियां !

बेटी दिवस पर हम सब को बधाई !!

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