विदाई की घडी 

विवाह के बाद आती विदाई की घडी ,
लग जाती है सबके नयनो में अश्रुझर्री,
शुभ घड़ी कहीं तो कस्टदाई कड़ी कहीं ,
समझोता कहीं तो कहीं फर्जों की झड़ी !

विवाह के बाद आती विदाई की घड़ी ,
वरपक्ष बटोरते नोटों की गड्डी,
वधुपक्ष का दर्द समझता वही जिसके ऊपर आन पड़ी ,
जुदा होती दिल के टुकड़े पर निगाहें अड़ी!

विवाह के बाद आती विदाई की घड़ी ,
अश्रु कहीं तो कहीं आभूषण की देखी जाती लड़ी
धैर्य का मोती पहन अज्ञात राह बढ़ चली
नई डगर पर द्हेजी दानवी खड़ी !

विवाह के बाद आती है विदाई की घड़ी ,
अश्रु पीक़े पिता का घर छोड़ चली ,
कडवे बोल ,जख्मी हृदय न खोल सकी कभी ,
जीवन -मृत्यु के कट्टु अवसादों में हर पल घिरी !

विवाह के बाद आती है विदाई की घड़ी ,
आभावग्रस्त जीवन हर पल हँसकर जीती ,
कन्याओं को यमभेंट क़र न ले सकी सिसकी ,
जीवन चिता को हंस कर झेल गयी बेटी !!

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