हे तारणहार श्री मुरलीधर 


हे तारणहार श्री मुरलीधर  
कर सादगी का श्रृंगार
तेरे गीत पर मेरी धुन 
जीवन पुष्प की राह चुन 
तेरी लीला मेरी उलझन 
मेरी नैया तू है खवैया 
भोर की सुरमई बेला
अमृतमयी होती यह विषधरा
हे तारणहार श्री मुरलीधर !

हे तारणहार श्री मुरलीधर
मेरी जिव्हा तेरे स्वर ,
अनंत काल से बहती तरंग
मेरी वीणा तेरे संग
जीवन संघर्ष के धूमिल पल
मेरी वेदना तेरे गीत प्रतिपल
गोधुली में ओजस्वी तेरी वाणी
खिलखिलाती तेरी ख़ुशी से हसी , मेरी वीणा
हे तारणहार श्री मुरलीधर !

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