- फूलों व् काँटों सा जीवन 
जीवन का प्रत्येक राह कठिन व् दुष्कर प्रतीत होती है किन्तु हौसला यदि फौलाद, सुदृढ़ एवं सशक्त हो, तो हर चुनौती एकदम नई एवं रोमांचक होती है !जीवन को खेल मानते हुए उसके सुख व् दुःख के दोनों पहलुओं को अंत तक खेला जाना चाहिए ! इसकी विशेष पहलू यह है की दुःख की पीड़ा व् कठिनाईयों को सहजता से लेते हुए इनके उत्त्पति व् निदान ढूढने चाहिए !मानव जीवन के सुख -दुःख प्रकृति के धूप - छाव के समान हैं जो निरंतर परिवर्तनशील हैं !सुख की शीतल फुहार व् दुःख की चिंगारी को एक समान देखते हुए यदि हम अपने जीवन निर्वाह करते हैं तो असल जीवन के अभिप्राय को समझने के सक्षम हो जाते हैं रवींद्रनाथ ठाकुरजी के अनुसार मनुष्य का जीवन एक महानदी की भाँति है जो अपने बहाव द्वारा नवीन दिशाओं में राह बना लेती है।

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